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15: तलाक न टैबू है, न फैशन | क्‍या हो जब जिंंदगी पहुंच जाए अलगाव के मोड़ पर

जब भी हम अपने ‍किसी ‍प्रियजन के तलाक के बारे में सुनते हैं, तो हमारी दो तरह की प्रतिक्रिया होती है – उफ्फ बहुत बुरा हुआ या फि‍र अरे ये कैसे हो गया! जबकि ये रिश्‍ते का एक ऐसा मोड़ होता है जिस पर बाद में कुछ भी करने का कोई फायदा नहीं। मन की मेधा में डॉ. मेधावी जैन खंगाल रहीं हैं रिश्‍तों में आ रही ऐसी ही उलझनों के तार को। 
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