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विमला शक्तिपीठ - जगन्नाथ पुरी, उड़ीसा

उड़ीसा के पूरी मंदिर में जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र की स्थापना से भी युगों पहले सतयुग से स्थित है माता सती का विमला शक्तिपीठ. जहां देवी मां के उत्कल क्षेत्र यानी नाभी का निपात हुआ था. यहां की शक्ति है महादेवी और भैरव को जगन्नाथ कहते हैं. क्या आप जानते है की भगवान विष्णु मां आदिशक्ति को अपनी बहन मानते हैं। उनका प्रेम इतना है की पुरी के श्रीजगन्नाथजी के मंदिर में अभी भी यह व्यवस्था है कि पुरुषोत्तम जगन्नाथ के प्रत्येक भोग, उनको तरह-तरह के 56 प्रकार के नैवेद्यों का भोग लगाया जाता है. इसी भोग को महाप्रसाद कहते हैं. यह भोग सबसे पहले उनकी बहन विमला देवी चखती है फिर वो भोग जगन्नाथ जी को खिलाया जाता है। ये शक्तिपीठ तांत्रिको में अत्यंत लोकप्रिय है. बहुत से सिद्ध मुनियों ने यहां सिद्धियां प्राप्त की हैं. विमला मंदिर में ब्राह्मी, माहेश्वरी, आंद्री, कौमारी, वैष्णवी, वराही और माँ चामुंडा आदि मां के अनेकों रूपों की प्रतिमाएं भी स्थापित है. यहां का प्रमुख उत्सव दुर्गा पूजा और काली पूजा है.
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