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S2E27 |  कौन मरता है ज़िंदगी के लिए - Sadat Nazeer
S2E27 | कौन मरता है ज़िंदगी के लिए - Sadat Nazeer
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Available Episodes

EPISODE 56

आज का ख्याल मोहसिन नकवी की तरफ से। उन्होंने प्यार-मुहब्बत व दर्शन पर बड़ी शानदार गज़ले लिखी है। उनका 42 बरस की उम्र में ही कत्ल कर दिया गया, लेकिन उनकी शायरी के मार्फ़त हमेशा अमर ह ... Read more

आज का ख्याल मोहसिन नकवी की तरफ से। उन्होंने प्यार-मुहब्बत व दर्शन पर बड़ी शानदार गज़ले लिखी है। उनका 42 बरस की उम्र में ही कत्ल कर दिया गया, लेकिन उनकी शायरी के मार्फ़त हमेशा अमर है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ। Read more

EPISODE 55

आज का ख़्याल जमील मज़हरी की तरफ से। जलाली साह्ब अपने ज़माने के बोहत मशहूर शायर थे, पकिस्तान में शायद ही एसे कोइ हो जो उनके बारे में ना जानते हो। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे ... Read more

आज का ख़्याल जमील मज़हरी की तरफ से। जलाली साह्ब अपने ज़माने के बोहत मशहूर शायर थे, पकिस्तान में शायद ही एसे कोइ हो जो उनके बारे में ना जानते हो। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ। Read more

EPISODE 54

आज का ख़्याल जमील मज़हरी की तरफ से।जमील साहब ने उर्दू की शायरी में भले पुरानी हिंदोस्तानी ज़बान का इस्तेमाल किया, लेकिन उनमें अहसास के नए रंग भरे। उनकी खास किताबें हैं : नक्श-ए-जमील ... Read more

आज का ख़्याल जमील मज़हरी की तरफ से।जमील साहब ने उर्दू की शायरी में भले पुरानी हिंदोस्तानी ज़बान का इस्तेमाल किया, लेकिन उनमें अहसास के नए रंग भरे। उनकी खास किताबें हैं : नक्श-ए-जमील और फ़िक्र-ए-जमील। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ। Read more

EPISODE 53

आज का ख़्याल फ़हमीदा रियाज की तरफ से। फ़हमीदा रियाज करीब सात सालों तक भारत में रहीं। दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय में रहकर हिंदी पढ़ना सीखा और फिर जब अपने देश पाकिस्तान वापस लौटीं ... Read more

आज का ख़्याल फ़हमीदा रियाज की तरफ से। फ़हमीदा रियाज करीब सात सालों तक भारत में रहीं। दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय में रहकर हिंदी पढ़ना सीखा और फिर जब अपने देश पाकिस्तान वापस लौटीं तो बेनजीर भुट्टो की सरकार में सांस्कृतिक मंत्रालय से जुड़ गईं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ। Read more

EPISODE 52

आज का ख़्याल कैफ़ भोपाली साहब की तरफ से। कैफ़ भोपाली एक भारतीय उर्दू शायर और फ़िल्मी गीतकार थे। वे 1972 में बनी कमाल अमरोही की फिल्म पाक़ीज़ा में मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाये गीत "चलो द ... Read more

आज का ख़्याल कैफ़ भोपाली साहब की तरफ से। कैफ़ भोपाली एक भारतीय उर्दू शायर और फ़िल्मी गीतकार थे। वे 1972 में बनी कमाल अमरोही की फिल्म पाक़ीज़ा में मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाये गीत "चलो दिलदार चलो....." से लोकप्रिय हुए। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ। Read more

EPISODE 51

आज का ख़्याल इब्ने-इंशा साहब की तरफ से।  इब्ने-इंशा ने इस बस्ती के एक कूचे में, चाँद नगर, दुनिया गोल है, उर्दू की आख़िरी किताब जैसी कुछ प्रमुख कृतियाँ लिखी है। सुनिए उनकी रचना और उन ... Read more

आज का ख़्याल इब्ने-इंशा साहब की तरफ से।  इब्ने-इंशा ने इस बस्ती के एक कूचे में, चाँद नगर, दुनिया गोल है, उर्दू की आख़िरी किताब जैसी कुछ प्रमुख कृतियाँ लिखी है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ। Read more

EPISODE 50

आज का खयाल रेहमान फारिस की तरफ से। पाकिस्तान के कई बेहतरीन शायर में से एक है। सुनते है उनका ये खयाल @radiokabachchan के साथ। Read more

आज का खयाल रेहमान फारिस की तरफ से। पाकिस्तान के कई बेहतरीन शायर में से एक है। सुनते है उनका ये खयाल @radiokabachchan के साथ। Read more

EPISODE 49

आज का खयाल शबनम शकील की तरफ से। पाकिस्तान की कई बेहतरीन शाइरा में से एक है शबनम शकील  जी, सुनते है उनका ये खयाल @radiokabachchan के साथ। Read more

आज का खयाल शबनम शकील की तरफ से। पाकिस्तान की कई बेहतरीन शाइरा में से एक है शबनम शकील  जी, सुनते है उनका ये खयाल @radiokabachchan के साथ। Read more

EPISODE 48

आज का ख़्याल मोमिन खान मोमिन साहब की तरफ से।  मोमिन खान मोमिन साहब मुघ्लों के ज़माने के उर्दु शायर थे। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ। Read more

आज का ख़्याल मोमिन खान मोमिन साहब की तरफ से।  मोमिन खान मोमिन साहब मुघ्लों के ज़माने के उर्दु शायर थे। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ। Read more

EPISODE 47

आज का ख़याल - मैं साइमन न्याय के कटघरे में खड़ा हूं... 'विद्रोही' को इस खयाल में बेबीलोनिया से लेकर मेसोपोटामिया तक प्राचीन सभ्यताओं के मुहाने पर एक औरत की जली हुई लाश और इंसानों की ... Read more

आज का ख़याल - मैं साइमन न्याय के कटघरे में खड़ा हूं... 'विद्रोही' को इस खयाल में बेबीलोनिया से लेकर मेसोपोटामिया तक प्राचीन सभ्यताओं के मुहाने पर एक औरत की जली हुई लाश और इंसानों की बिखरी हुई हड्डियां मिलती हैं, जिसका सिलसिला अंतत: सीरिया के चट्टानों से लेकर बंगाल के मैदानों तक चला जाता है। सुनिए उनका ये ख़याल @radiokabachchan के साथ। Read more

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